मुकेश अग्निहोत्री व कृषि मन्त्री चन्द्र कुमार की मुलाकात विभिन्न मुद्दो पर हुई चर्चा

मुकेश अग्निहोत्री व कृषि मन्त्री चन्द्र कुमार की मुलाकात विभिन्न मुद्दो पर हुई चर्चा

Agriculture Minister Chandra Kumar

Agriculture Minister Chandra Kumar

प्रदेश की महत्वकांक्षी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति का मामला केन्द्र से उठेगा: मुकेश

कहा,केन्द्र सभी योजनाएं नब्बे-दस के अनुपात में मंजूर करे
-विभाग को दो टूक कि टैंडरों में पारदर्शिता बरतें

Agriculture Minister Chandra Kumar: उपमुख्यमन्त्री  मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि प्रदेश की महत्वकांक्षी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति का मामला केन्द्र से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिना सिंह परियोजना, सुखाहार परियोजना एंव बीत एरिया सिंचाई योजनाओं पर प्रदेश के खेतों की सिंचाई निर्भर कर रही है। प्रदेश इस समय सिंचाई में राष्ट्रीय औसत से नीचे चल रहा है। इसलिए केन्द्र से सिंचाई योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर मंजूरी का आग्रह किया जाएगा। यह बात  मुकेश अग्निहोत्री ने कृषि मन्त्री  चन्द्र कुमार से मुलाकात के बाद कही।  चन्द्र कुमार ने उपमुख्यमन्त्री से आठ सालों से लटकी सुखाहार योजना को विशेष तरजीह देने की वकालत की। सिंचाई योजनाओं पर  चन्द्र कुमार ने अपने तर्क देते हुए निचले इलाकों में खेतों तक पानी पहुंचाने के मास्टर प्लान पर काम करने की वकालत की।
उधर मुकेश अग्निहोत्री ने दलील दी की केन्द्र सभी योजनाएं नब्बे-दस के अनुपात में मंजूर करे।

Agriculture Minister Chandra Kumar

उन्होंने कहा कि बीबीएनबी से पानी उठाने की केन्द्र द्वारा शर्त हटाने का फायदा तभी होगा जब बडी योजनाओं को केन्द्र मंजूर करेगा। दलील दी कि सुखाहार योजना की पुरानी कीमत 153 करोड़ थी जबकि संषोधित मूल्य 220 करोड़ के आसपास पहुंच गया है। उन्होंने चन्द्र कुमार को भरोसा दिया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निवेश मंजूरी समिति की 
बैठक 17 जुलाई, 2023 को होगी उसके एजेण्डे में इस योजना को भी रखा जाएगा। इसी तरह फीना सिंह परियोजना अधर में लटकी हुई है। इसकी प्रस्तावित कीमत 643 करोड़ है जिस पर 300 करोड़ रूपए राज्य खर्च चुका है। केन्द्र के प्रोजेक्ट मंजूर करने की कमेटी की बैठक 10 जुलाई 2023 को है। उन्होंने कहा कि यह एजेण्डे में शामिल है और केन्द्र को इसमें हिमाचल की मद्द करनी चाहिए। वैसे भी केन्द्र के नियमों में भी शामिल है कि जिस योजना पर 50 फीसद राज्य खर्च कर लेगा उसमें बकाया राषि केन्द्र देगा इसलिए केन्द्र को 313 करोड रूपए जारी करने चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊना जिला की वीत क्षेत्र 75 करोड़ सिंचाई योजना एंव कुटलैहड़ के भरमौती से 46 करोड़ रूपए सिंचाई उपलब्ध करवाने की योजना मंजूर करने के लिए भी केन्द्र से पत्राचार किया जा रहा है। उपमुख्यमन्त्री ने कहा कि इन कामों के सिलसिले में वह जल्द ही केन्द्रीय मंत्री से मिलकर राज्य का स्टैंड रखेंगे। उन्होंने कहा कि जिन परियोजनाओं के दस्तावेज एवं औपचारिकताएं पूरी हैं उन पर फैसला जल्द होना चाहिए। श्री मुकेष अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेष में पानी एवं सिंचाई प्रोजेक्टों की लगातार राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग हो रही है और फौरन फंडिंग प्रोजेक्टों में राज्य का शेयर समय पर जारी किए जाने के निरन्तर प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऊना जिला के बल्क ड्रग पार्क के लिए 15 ट्यूबलों की ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है और पार्क तक पानी पहुॅंचाने के लिए अन्य टैंडर भी कर दिए गए है जबकि जमीन में पानी डालने का एक प्रस्ताव उद्योग विभाग को मंजूरी के लिए भेजा है।
 मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विभाग को दो टूक कहा गया है कि टैंडरों में पारदर्शिता बरतें और किसी स्तर पर कोई कोताही न हो, हर स्तर पर टैंडरों में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए ताकि स्कीमों की लागत कम हो सके।

यह पढ़ें:

कुलदीप राठौर UCC पर बोले - यह चुनाव से पहले सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति

प्रो चंद्र कुमार बोले - हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक चुनौतियों में ड्रोन होगा मददगार

श्रीखंड महादेव यात्रा पर प्रशासन की अनुमति के बिना निकले एक श्रद्धालु की भीमडवारी में मौत, घुमारवीं का रहने वाला था शख्स